Small Case क्या है, कैसे करे Investment? | What Is Small Case In Hindi?

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Small Case

Mutual फण्ड की ही तरह Small Case एक प्लेटफार्म जंहा पर एक्सपर्ट के द्वारा बनाया गया बहुत से पोर्टफोलियो होते है जिसमे हम इन्वेस्ट कर सकते है और वो भी बहुत ही कम चार्ज में I आगे आप और ज्यादा डिटेल में जानेंगे की Small Case क्या है I Small Case कैसे काम करता है Small Case के क्या उपयोग है और क्या फायदे है I

Small Case क्या है? (What Is Small Case In Hindi?)

आज अगर हम स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करना चाहते है तो कोन कोन से आप्शन है हमारे पास हमारे पास 2 आप्शन है

1 Direct Stock Investment  and 

2 Mutual fund Investment 

लेकिन अब हमारे पास एक और भी आप्शन आ गया है जिसे हम Small Case के नाम से जानते है Small Case से भी हम स्टॉक में Mutual Fund के ही तरह इन्वेस्ट कर सकते है I

Small Case के अन्दर बहुत सरे रेडी मेड पोर्टफोलियो होते है जिसे एक्सपर्टस के द्वारा ही तैयार किया जाता है जिसको आप अपने demat के अन्दर कॉपी का सकते है और उसके strategy को आप सीधे तौर पर अपने पोर्टफोलियो में कॉपी कर सकते सकते है और इसके लिए आपको बहुत ही नोमिनल चार्ज देना पड़ेगा  I

Also Read – Smallcase Charges, charges for SIP, rebalancing Charges, Annual Charges in Hindi

Small Case कैसे काम करता है? (How Does Small Case Work)

Small Case क्या है ये जान लेने के बाद अब बात करते है की Small Case कैसे काम करता है?

मन लिजिय अपने अपना पैसा किसी एक Mutual Fund, फण्ड मेनेजर को दे दिया है तो वो क्या करेगा , मान लिया उसने आपका पैसा 20 स्टॉक में लगाता है या ये मान लिजिय की उसने अपना पैसा एक पोर्टफोलियो के अन्दर लगाया है और उस काम के वो आपसे 1-2 % फीस चार्ज लेगा I इस इन्वेस्टमेंट में आपका कोई कण्ट्रोल नहीं रहेगा और आपको डायरेक्ट स्टॉक इन्वेस्टमेंट से कम ही return मिलेगा I

लेकिन अब मान लीजिये की Mutual फण्ड के जैसा ही एक एक्सपर्ट आपके पास आता है और आपसे कहता है की मैं आपको एक पोर्टफोलियो बना के दे रहा हु आप उसमे स्टॉक खुद खरीदे और इस चीज के मैं आपसे बहुत ही कम चार्ज करूँगा I

अब Mutual फण्ड मेनेजर के कास्ट होते है बहुत ज्यादा 1-2 % लेकिन उसी के जैसा एक एक्सपर्ट आता है जिसकी qualification भी उतनी ही होती है जितनी की Mutual Fund के मेनेजर की और वो सेबी Registered adviser होता है I

वो आपसे कहता है की वो एक पोर्टफोलियो Design करेगा और अगर आप चाहे तो उसका Return निफ्टी से Compare कीजिए वो कहते है की हमें कांफिफेंट है की हमारी स्ट्रेटेजी निफ्टी से अच्छा Return देगा I

वो कहते है की अगर निफ्टी 14% return दे रहा है तो हमारे return 17,18,20% तक होगा और फीस भी आपको Mutual Fund से कम देना पड़ेगा तो अगर हम इसे Mutual Fund से Compare करे तो हमें उससे कई सरे फायदे है जैसे 

  • High Return इसमें हमें Mutual Fund के Compare में 15-20 % Return मिलेगा जैसे की हमें डायरेक्ट स्टॉक में इन्वेस्ट करने  से मिलता है
  • यंहा आपको किसी Expertise की जरुरत नहीं होती है जैसा की डायरेक्ट स्टॉक इन्वेस्टमेंट  में होता है यंहा पर एक्सपर्ट है जिसके पोर्टफोलियो को आप कॉपी का सकते है I
  • यंहा पर आपका एक्टिव Involvement Mutual फण्ड से थोडा ज्यादा होगा लेकिन डायरेक्ट स्टॉक से बहुत ही कम होगा आपको बहुत ज्यादा रिसर्च नहीं करना पड़ेगा I
  • High Control इसके अंदर हमारे पास काफी कण्ट्रोल आ जाता है जैसे की mutual फण्ड के अन्दर नहीं मिलता है इसमें सरे स्टॉक सीधा सीधा आपके Demat Account के अन्दर आ जाते है आप चाहे तो इसे डायरेक्ट खरीद सकते है बेच सकते है जिस तरीके से एक्सपर्ट आपको advise कर रहे है इस तरीके से आप Rebalancing भी कर सकते है 
  • यंहा पर फीस बहुत ही कम होता है 

Small Case, डायरेक्ट स्टॉक और Mutual फण्ड खरीदने से बेहतर क्यू है(Why Small Case Better than Mutual Fund)

अगर आपको जानना है की Small Case , डायरेक्ट स्टॉक खरीदने और mutual Fund को खरीदने से किस तरीके से बहतर है तो आपको सबसे पहले डायरेक्ट स्टॉक खरीदने और mutual Fund को खरीदने के फायदे और नुकसान को देखना होगा I

हम देखेंगे की स्टॉक में डायरेक्ट इन्वेस्ट करना और mutual फण्ड के फायदे और नुकसान क्या है और किस तरीके से Small Case यहाँ पे वैल्यू ऐड कर सकते है I

डायरेक्ट स्टॉक और Mutual Fundके फायदे और नुकसान

Direct स्टॉक में निवेश करने के फायदे और नुकसान(Advantages and disadvantages of investing in stocks)

डायरेक्ट स्टॉक इन्वेस्टमेंट के नुकसान :-

  1. जब हम स्टॉक में डायरेक्ट इन्वेस्ट करते है तो हम वंहा एक Expectation होती है की जितना Nifty और Sensex ने return दिया है उससे हम ज्यादा ही कमाए I
  2. Example के लिए अगर निफ्टी ने हमें 10 साल में एवरेज 14% का return दिया है तो हमारा Expectation होता है की कम से कम 15-20 % return हम कमाए तो हमें ज्यादा return के लिए थोडा मेहनत भी करना पड़ेगा यानि हमरी expertise भी ज्यादा होनी चाहिए 
  3. अब expertise के साथ साथ हमारे एक्टिव इन्वोल्वेमेंट भी थोड़ी होनी चाहिए तो ये हो गयी एक एक्टिव इन्वेस्टमेंट जंहा पर हमें अपना टाइम भी लगाना पड़ेगा I
  4. यंहा पर हमें अपना टाइम और effort दोनों लगते है

डायरेक्ट स्टॉक इन्वेस्टमेंट के फायदे  :-

यंहा पर हमें अपना टाइम और effort दोनों लगते है तो हमें इसका कुछ फायदा भी होता है I

  1. हमें ज्यादा अच्छा return मिलता है I
  2. नो फीस ( चुकी हमने खुद से स्टॉक पिक की है तो हमें कुछ फीस भी नहीं देना पड़ता है 
  3. More Control  ( इसमें पूरा कण्ट्रोल हमारे पास होता है की हमें कोन से स्टॉक में इन्वेस्ट करना है कब करना है , कब बेचना है ये सब ) I

ये तो हो गये डायरेक्ट स्टॉक खरीदने के फायदे अब हम बात करेंगे mutual फण्ड की 

Mutual Fund के फायदे और नुकसान(Advantages and Disadvantages of Mutual Fund)

Mutual फण्ड के नुकसान :-

  • Mutual फण्ड की बात करे तो हम पाएंगे की हमें निफ्टी से कम ही return मिलता है, 90 परसेंट mutual फण्ड में यही होता है I
  • अगर निफ्टी ने 10 साल में average return 14 परसेंट का return दिया है , तो आपको mutual फण्ड में 12-13% से ज्यादा का return देखने को नहीं मिलेगा और ऐसा क्यों होता है तो इसके दो कारण है –
  • expense ratio – ऐसा इसलिए होता है क्योकि mutual फण्ड कुछ फीस चार्ज करते है जिसे हम expense ratio कहते है ये फीस 1-2 % होती है जो की आपके return में से ही लिया जाता है I
  • Can Not Hold case – mutual फण्ड अपने पास ज्यादा case होल्ड करके नहीं रख सकते सेबी की Requirement कहती है की वो अपने पास ज्यादा पैसे नहीं रख सकते वो थोड़ी ही case अपने पास रख सकते है वो भी withdraws के लिए I
  • No Control – यंहा पर इन स्टॉक के अन्दर हमारा कोई भी कंटोल नहीं होता है mutual फण्ड मेनेजर ही decide करेगा की कब स्टॉक खरीदना है , कोन सा खरीदना है कोन सा बेचना है , कितना बेचना है इत्यादि आपका कोई कण्ट्रोल नहीं है I
  • Fees – drawback यहाँ पर आपका फीस ज्यादा हो जाता है 1-2 % फीस वो ले लेते है I

Mutual फण्ड के फायदे :-

  1. इसके अन्दर हमें कोई expertise नहीं चाहिए , कोई फण्ड मेनेजर हमारा फण्ड मैनेज कर रहा है और इसके  लिए वो हमसे 1-2 % का चार्ज लेता है I
  2. साथ ही कोई हमारा यंहा पर एक्टिव इन्वोल्मेंट नहीं होता है I
  3. मतलब डायरेक्ट स्टॉक खरीदने की तरह आपको कोई टाइम यंहा पर स्पेंड नहीं करना पड़ता है I

Small case कैसे Mutual Fund से अलग है उसके फायदे क्या क्या है? (What are the advantages of Small case?)

Small case को अगर समझना चाहते है तो हम इसे  mutual फण्ड से compare करके ही चलते है I

  1. ज्यादा return, Small case में हमें म्यूच्यूअल फण्ड के compare में ज्यादा return मिल सकता है  जिस तरीके से हमें डायरेक्ट स्टॉक में इन्वेस्ट करने से मिलता है I
  2. Small case में आपको  स्टॉक मार्केट का एक्सपर्ट होने  की जरुरत नहीं होती है, जैसा की डायरेक्ट स्टॉक इन्वेस्टमेंट में होता है यंहा पर एक्सपर्ट है जो आपके लिए पोर्टफोलियो को तैयार करते है I
  3. Small case में आपका एक्टिव involvement म्यूच्यूअल फण्ड से थोडा ज्यादा होगा, लेकिन डायरेक्ट स्टॉक से बहुत ही कम होगा आपको बहुत ज्यादा रिसर्च नहीं करना पड़ेगा I
  4. High Control, Small case के अंदर हमारे पास काफी कण्ट्रोल आ जाता है , जो की mutual फण्ड के अन्दर नहीं मिलता है इसमें सरे स्टॉक सीधा सीधा आपके Demat account के अन्दर आ जाते है आप चाहे तो इसे डायरेक्ट खरीद सकते है बेच सकते है, जिस तरीके से एक्सपर्ट आपको advise कर रहे है और आप इसे एक्सपर्ट के अनुसार rebalancing भी कर सकते है I
  5. Small case Charges बहुत ही कम होता है, म्यूच्यूअल फण्ड के compare में I 

Small case का मतलब क्या होता है?(What is the meaning of small case)

Small case का मतलब एक ऐसे इन्वेस्टमेंट आप्शन है जो की mutual फण्ड से अच्छा return देता है वो भी बहुत ही कम चार्ज पर और यहाँ पर आपको बहुत ही कम टाइम और expertise की जरुरत होती है I

FAQs

  1. Small case के Founder कौन है?

    Smallcase के founder Vasanth Kamath है I

  2. क्या Small case Safe है ?

    Smallcase पूरी तरीके से सेफ है I

  3. Small case कैसे पैसे कमाता है?

    Smallcase चार्ज लेता है जिससे वो पैसे कमाता है I

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